मौसम ये मधुमास का

सर्दियों की रातें
अब सिंहर रही हैं।

मधुमास के दिन की

किरणें बिखर रही हैं।

देखो गया है पतझड़,

हरियाली खिल रही है।

मेरे सदन – सहन में,

तितलियां मिल रही हैं।
पतझड़ में जो गिरे वो,

पत्ते फिर खिल रहे हैं।

बिछड़े थें जो तब वो,

राही फिर मिल रहे हैं।
खेतों में देखो अब

पीली सरसो फुल रही है।

यादों में वो तो सब

भूली, बरसों भूला रही है।
मौसम ये मधुमास का

मन को अति हर्षाता है।

कुछ रंग – बिरंगे सपने

मन में फिर जगाता है।

-आरती मानेकर

वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!

39 thoughts on “मौसम ये मधुमास का

  1. Lovely thought
    वसंत पंचमी की ढेर सारी शुभकामनाएं माँ सरस्वती आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करे👌👌👌

    Liked by 1 person

  2. मौसम है मधुमास का इसे न जाने दीजिये, अपने जीवन में भी अब तो बसंत ऋतू आने दीजिये..👍very nice poem

    Liked by 1 person

Leave a comment