Preet ki Holi

होली के दिन
धवल वस्त्र में
भर हाथ में रंग
और भर पिचकारी
रंग देना तू
नख-शिख मेरा
और रंग देना मेरी चोली
पिया ऐसे खेलना होली।
रंग लाल प्रीत का
गोरे गाल पर
ऐसे लगा तू
थाम कलाई मेरी
रंग न छूटे
और जग देखे
मैं बोलूं प्रेम की बोली
ऐसी हो प्रीत की होली।
साथ तेरा हो
मन मगन मेरा
हुआ चंदन बदन
उर बना फुलवारी
तेरे हाथ से
प्रेम रस पीकर
रीत जग की मैं भूली
ले तेरी मीत मैं हो ली।
-आरती मानेकर
होली की शुभकामनाओं के साथ…

7 thoughts on “Preet ki Holi

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