कलम ने कहा मुझे कागज से मिलने दे…
दोस्ती की एक नई दास्तां लिखने दे…
विश्वास का नाम दोस्ती ये सब जानते हैं..
आज इस तथ्य को सत्य लिखने दे…
लिखने दे दिल की बातें.. कुछ मुलाक़ातें लिखने दे…
कभी न टूटे वादा ऐसा साथ लिखने दे..
दर्द पर हो मरहम उसके ऐसी आह लिखने दे…
कोई ख़्वाहिश न रहे बाकी ऐसी चाह लिखने दे..
मिलना है उससे हर रोज़ मुझे ऐसा ख़्वाब लिखने दे..
उसके कुछ अनकहे सवालों का जवाब लिखने दे…
लिखने दे…
दोस्ती का फिर इतिहास लिखने दे..☺️
-आरती मानेकर
Yes sure….
Arti Manekar is there
LikeLiked by 1 person
Wait..I follow u..
LikeLiked by 2 people
Wow…nicely expressed👏👏
LikeLiked by 1 person
Thanks ishi..😊😊😊.
This poem is for sm1 spcl. .😊
LikeLiked by 1 person
Ooh bhi😉
LikeLiked by 1 person
Waw… Bahut hi sundar…. 👏👏👍
LikeLiked by 1 person
बहुत धन्यवाद…
LikeLike